World Cup Final : भारत के पास 20 साल पुराना बदला लेने का सुनहरा मौका, रोहित लेंगे गाँगुली का बदला

World Cup Final : पिछले महीने के शुरुआत से खेले जा रहे क्रिकेट के महाकुम्भ विश्वकप 2023 का अब आखिरी मैच होने को है जो की 19 नवम्बर को खिताबी मुकाबले के रूप में खेला जाएगा। इसके लिए दो टीमों ने शानदार प्रदर्शन करके और सेमिफाइनल में अपनी अपनी विरोधी टीमों को हराकर फाइनल में जगह बनाई है. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच यह खिताबी मुकाबला खेला जाएगा।

World Cup Final

दूसरे सेमिफाइनल में दक्षिण अफ्रीका हुई बाहर –

कोलकत्ता के ईडन गार्डन मैदान में खेले गए इस विश्व कप के दूसरे सेमिफाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने अफ्रीकी टीम को 3 विकेट से हराकर उसे इस टूर्नामेंट से बाहर कर दिया और फाइनल में आठवीं बार जगह बनायीं। जिसमे से उसने पांच बार इस ख़िताब पर कब्ज़ा जमाया है जोकि सबसे ज्यादा बार है। भारत ने अभी तक सिर्फ 2 बार ही इस ख़िताब को अपने नाम किया है। इससे पहले भारतीय तेआम ने पहले सेमीफाइनल में न्यूज़ीलैंड को हराकर फाइनल में जगह पुख्ता की थी।

टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करते हुई अफ्रीकी टीम शुरुआत काफी ख़राब रही उसके 4 विकेट जल्दी गिर गए जिसके बाद मिलर और क्लास्सेन ने टीम को संभाला क्लास्सेन के आउट होने के बाद मिलर ठीके रहे और शानदार शतक ठोंक डाला उनके शतक की मदद से ही टीम ने 212 रन बनाए जिसके जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम ट्रेविस हेड के 62 रनो की बदौलत और बाकी बल्लेबाज़ों के योगदान से एक कड़े मुकाबले में 3 विकेट से जीत दर्ज की।

2003 विश्व कप फाइनल के बदले के इरादे से उतरेगा भारत –

2003 के क्रिकेट विश्व कप के फाइनल मुकाबले में भी भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें आमने सामने थी जिसमे ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारतीय टीम को 125 रनो के बड़े अंतर से हराकर उस विश्व कप के ख़िताब पर कब्ज़ा किया था। रिकी पोंटिंग की कप्तानी वाली उस समय की ऑस्ट्रेलियाई टीम बहुत मजबूत थी उसने उस टूर्नामेंट में एक भी मैच नहीं हरा था और इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम ने एक भी मैच नहीं हरा है। यह भारतीय टीम के पास सुनहरा मौका है की 2003 का बदला पूरा किया जाए और ख़िताब को अपने नाम करे।

भारत चौथी बार फाइनल में खेलेगा –

भारत चौथी बार विश्व कप के फाइनल में पहुंचा है। 1983 में कपिल देव की कप्तानी में वेस्टइंडीज को हराकर पहली बार खिताब जीता था। 2003 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। तब सौरव गांगुली कप्तान थे। इसके आठ साल बाद 2011 में जब भारत फाइनल में पहुंचा तो उसने श्रीलंका को हराकर दूसरी बार खिताब जीत लिया।

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